गणेश चतुर्थी पर विशेष :पूजा से श्री गणेश को करें प्रसन्न इस चतुर्थी में कुछ होगा खास आपके जीवन में
Ganesh Chaturthi pooja:
सूर्य, गणेश, दुर्गा, शिव और विष्णु, ये पांच देवता यानी की पंचदेव कहलाते हैं, इनकी पूजा सभी कार्यों की शुरुआत करने से पहले अनिवार्य रूप से की जानी चाहिए। प्रतिदिन पूजन करते समय हमे इन पंचदेव का ध्यान करना चाहिए। इससे माता लक्ष्मी जी कृपा और सुख समृद्धि प्राप्त होती है।
कभी भी शिव जी,श्री गणेश जी और भैरव जी को हमे तुलसी नहीं चढ़ानी चाहिए।
मां दुर्गा को दूर्वा (एक प्रकार की घास) नहीं चढ़ानी चाहिए। यह गणेशजी को विशेष रूप से अर्पित की जाती है।
कभी भी सूर्य देव को शंख में डाला हुए जल से अर्घ्य नहीं देना चाहिए।
कभी भी तुलसी का पत्ता हमे बिना स्नान किए नहीं तोड़ना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार यदि कोई व्यक्ति बिना नहाए ही तुलसी के पत्तों को तोड़ता है तो पूजन में ऐसे पत्ते भगवान द्वारा स्वीकार नहीं किए जाते हैं।
हिन्दू शास्त्रों के अनुसार हमे देवी-देवताओं का पूजन एक दिन में पांच बार तो करना ही चाहिए। सुबह के समय 5 से 6 बजे तक ब्रह्म मुहूर्त में पूजा और आरती करनी चाहिए। और इसके बाद प्रात: 9 से 10 बजे तक दूसरी बार का पूजन। दोपहर में तीसरी बार पूजन करना चाहिए। इस पूजन के बाद भगवान को शयन करवाना चाहिए। शाम के समय चार-पांच बजे पुन: पूजन और आरती। रात को 8-9 बजे शयन आरती करनी चाहिए। जिन घरों में नियमित रूप से पांच बार पूजन किया जाता है, वहां सभी देवी-देवताओं का वास होता है और ऐसे घरों में धन-धान्य की कभी कोई कमी नहीं होती है।
प्लास्टिक की बोतल में या किसी अपवित्र धातु के बर्तन में गंगाजल नहीं रखना चाहिए। अपवित्र धातु जैसे एल्युमिनियम और लोहे से बने बर्तन। गंगाजल तांबे के बर्तन में रखना शुभ रहता है।
्त्रियों को और अपवित्र अवस्था में पुरुषों को शंख नहीं बजाना चाहिए। यह इस नियम का पालन नहीं किया जाता है तो जहां शंख बजाया जाता है, वहां से देवी लक्ष्मी चली जाती हैं।
केतकी का फूल कभी शिवलिंग पर अर्पित नहीं करना चाहिए।
मंदिर और देवी-देवताओं की मूर्ति के सामने कभी भी पीठ दिखाकर नहीं बैठना चाहिए।
कोई भी पूजा करने के बाद मनोकामना की सफलता के लिए हमे दक्षिणा जरूर चढ़ानी चाहिए। और दक्षिणा अर्पित करते समय हमे अपने दोषों को छोड़ने का संकल्प लेना चाहिए। ताकि दोषों को जल्दी से जल्दी छोड़ने पर मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण होंगी।
दूर्वा यानी की दूब (एक प्रकार की घास होती है ) रविवार को नहीं तोडऩी चाहिए।
मां लक्ष्मी को विशेष रूप से कमल का फूल अर्पित किया जाता है। इस फूल को पांच दिनों तक जल छिड़क कर पुन: चढ़ा सकते हैं।
गणेश चतुर्थी पर विशेष :
॥श्री गणेश जी के 14 नामो का उच्चारण ॥
श्री गणेश जी के 14 नामो का उच्चारण करने से मिलेगी कष्टों से मुक्ति
- विनायक ,
- गजानन ,
- गणेश,
- लंबोदर ,
- एकदंत,
- वक्रतुंड ,
- विघ्नराज ,
- भालचंद्र ,
- गणाधिप ,
- विकट ,
- हेरंब ,
- कृष्णपिंगाक्ष ,
- आखुरघ
- गौरीपुत्र।
जो व्यक्ति इन नामों का उच्चारण प्रति दिन करके भगवान श्री गणेश जी की आराधना करता है। उसके सम्पूर्ण दुख-दर्द दूर होकर उसे सुख-समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है।
भगवान श्री गणेश बुद्धि के दाता होने के साथ भय, चिंता दूर करने वाले देवता हैं। इनका किसी भी समय स्मरण किया जा सकता है।
तंत्र शास्त्रों में श्री गणेश जी के कई रूप बताये गए हैं, उन रूपों की उपासना करने से सभी प्रकार के अभीष्ट सिद्ध होते हैं
समाप्त
ॐ श्रीकराय नमः ।