
श्रीहनुमान जी की आरती हिंदी/संस्कृत लिरिक्स
आइए पढ़ें बजरंगबली की पूरी आरती…
आरती कीजै हनुमान लला की।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥
जाके बल से गिरिवर कांपे।
रोग दोष जाके निकट न झांके॥
अंजनि पुत्र महाबल दाई।
सन्तन के प्रभु सदा सहाई॥
दे बीरा रघुनाथ पठाए।
लंका जारि सिया सुधि लाए॥
लंका सो कोट समुद्र-सी खाई।
जात पवनसुत बार न लाई॥
लंका जारि असुर संहारे।
सियारामजी के काज सवारे॥
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे।
आनि संजीवन प्राण उबारे॥
पैठि पाताल तो रिजम-कारे।
अहिरावण की भुजा उखारे॥
बाएं भुजा असुर दल मारे।
दाहिने भुजा संतजन तारे॥
सुर नर मुनि आरती उतारें।
जय जय जय हनुमान उचारें॥
कंचन थार कपूर लौ छाई।
आरती करत अंजना माई॥
जो हनुमानजी की आरती गावे।
बसि बैकुण्ठ परम पद पावे॥
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–हमें हनुमान जी की आरती क्यूं पढ़नी चाहिए?
चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को कलयुग में सभी कष्टों को हरने वाले श्री संकटमोचन हनुमान जी की जयंती मनाई जाती है।हर साल बजरंगबली की जयंती मार्च/अप्रैल महिने मे मनाई जाती है। पूर्णिमा और वार का विशेष संयोग होने से इस बार हनुमान जयंती विशेष फलदायी होगी।श्री हनुमान जी की जयंती पर संकटमोचक की पूजा-अराधना करने से सभी कलयुगी कष्टों का नाश होता है। हनुमान जी की आरती का पाठ करने से सभी तरह के डर से मुक्ति मिलती है।
Nice aarti jai hanuman ji
Jai hanuman gyan gun sagar jai kapish tihu lok ujagar.
|| Jai Bajrang Bali ||
हनुमान लला की जय।